हर तरफ़ उनका बोलबाला है क़ैद जिनके यहाँ उजाला है बेसबब धूप की शिक़ायत पर वृक्ष को जड़ से काट डाला है उनके इतने गुनाह वाजिब हैं जितने मनकों की उनकी माला है चंद फ़िरकापरस्त लोगों ने मुल्क़ का मुल्क़ फूँक डाला है कह रही है ये सर्द ख़ामोशी कोई तूफ़ान … Continue reading हर तरफ़ उनका बोलबाला है
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